होली
( The Poem titled होली is written by Bharti Tewari)
पिंहली प्योंली फूली रै छ म्यार पहाड मा होली का होल्यार ऐरी म्यार पटांगणा। पिंहली छ दैण सरसों पिंहलो छ केशिया पिंहलो रंग में रंगी गो छ शिवज्यू को थाना होली का होल्यार ऐरी म्यार पटागंणा। लाल लाल बुरूशी फूली यो डाना यो काना, घिंघारू काफव छाज रैयी गाड-गद्ध्यार पन लाल रंग में रंगी गो छ देवी का थाना । होली का होल्यार ऐरी म्यार पटांगणा। नारंगी हिसालू छ यो नारंगी छ टेसूवा बैंगनी किलमोडी ले लागें कतू भली आहा रंग-बिरंगा फूल फूलीगे चैत फागुना होली का होल्यार ऐरी म्यार पटागणां हरिया भरिया धरती छ यो नीलो छ आगासा सुनै रंग में रंगों हिमाला उन सूरज घामा सतरंगी रंगो में रंगे गो यो फागुना होली का होल्यार ऐरी म्यार पटागंणा।