नैनी झील में नौकायन
The poem titled नैनी झील में नौकायन is written by Bharti Tewari
बरसात की बारिश से हरे
नवयौवना से श्रृंगार में सजे
पहाडों की हरितिमा को
पानी में उतार लाये
आओ हम नैनी झील में
नौकायन कर आये ।
कुछ गुनगुनी धूप और तैरते हुए बादल
डबडबी सी झील
माँ नैनादेवी का आँचल
इन सुनहरे पलों को
हम समेट लायें
आओ हम नैनी झील में नौकायन कर आयें।
घुप्प कोहरे में लिपटा तल्लीताल
सुनहरी धूप से मस्जिद का बुर्ज हुआ लाल
इस रूहानी पल को
हम जी आयें
आओ हम नैनी झील में नौकायन कर आयें।
सुनहरी काली मछलियों के बीच
श्वेत बतखो के दल
रंग बिरंगी कश्तियाँ और सुनहरे पल
इन पलों को हम समेट लायें
आओ हम नैनी झील में नौकायन कर आयें।